बुधवार, 7 दिसंबर 2011

इटावा महोत्सव के सौ साल


सौ साल के उपर सफ़र मे जिला प्रदर्शनी होगई इटावा महोत्सव
एतिहासिक जनपद प्रदर्शनी यानि इटावा महोत्सव का आगाज बस होने को है दूसरी शताब्दी मे लगने बाली इस प्रदर्शनी  की तैयारिया अंतिम चरणों में हैं। 
जिस स्थान पर यह प्रदर्शनी  लगाई जा रही है उसे लगते हुए पू रे सौ बर्श  से अ धिक हो चु के है।
यह प्रदर्शनी  का १०२ वां वर्स है लेकिन बहुत से लोग जनपद की इस प्रदर्शनी के इतिहास से परचित नही है।प्रदर्शनी लगाने की शुरूआत १८८८ में हुई थी, लेकिन पांचसाल बाद आयोजन बंद हो गया । उन दिनो पांच बरसों तक प्रदर्शनी  शहर के पक्का तालाब निकट विक्टोरिया मेमोरियल हाल के पास लगाई जाती थी ।
दुबारा १९१० में तत्कालीन अंग्रेज जिला मजिस्ट्रेट एच ०के० ग्रेसी ने रइसो व रजवाडों के प्रयास से प्रदर्शनी को शुरू कराया,लेकिन आयोजन स्थान बदल दिया गया। इस बर्स  यह प्रदर्शनी शहर के इटावा आगरा मार्ग पर स्थित मैदान पर लगी थी । जो १५ दिनों तक चली थी। बाद में समय बडा कर एक माह कर दिया गया। जनपद की इस प्रदर्शनी का शुभारंभ प्रत्येक बर्श  कार्तिक पूर्णिमा  के स्नान के बाद होता है।जिसकी वजह यह है कि इस से पूर्व में बटेश्वर मेले का आयोजन होता है।और यह मेला कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही समाप्त होता है ।जिसके बाद यहां के व्यापारी जनपद की प्रदर्शनी  में भाग लेने को पहुंचते  है ।  क्रमश:

रविवार, 20 नवंबर 2011

आज से हम एक नया ब्लोग शुरु कर रहे है जिसका नाम हमने कुल्दीप कुमार भर्थना रखा है भर्थना जिला ईटावा की एक तह्सील है ईसमे ईटावा जिले के सम्रध अतीत को वर्त मान मे प्रस्तुत करने का एक प्रयास हमे आशाहै कि आप सभी को हमारा यह प्रयास पसन्द आयेगा बस आज के लिए काफ़ी है